हरियाणा

पूर्व मॉडल दिव्या पाहुजा को पुलिस ने बनाया था गैंगस्टर संदीप गाडौली के एनकाउंटर का माध्यम

सत्य ख़बर,गुरुग्राम, सतीश भारद्वाज ।

गुरुग्राम का गैंगस्टर संदीप गाडौली अपनी मौत 7 साल बाद एक बार फिर सुर्खियों में है. इस समय उसकी चर्चा की वजह एक जमाने में उसकी प्रेमिका रही पूर्व मॉडल दिव्या पाहुजा की वजह से हो रही है. दिव्या पाहुजा की बुधवार को ही संदिग्ध परिस्थिति में हत्या कर दी गई. बताया जा रहा है कि सात महीने पहले ही जेल से छूट कर आई दिव्या पाहुजा की हत्या उसके नए प्रेमी अभिजीत ने अपने साथियों के साथ मिलकर की है. पुलिस इस मामले की जांच कर रही है, लेकिन यहां हम बात कर लेते हैं डेढ़ लाख के इनामी बदमाश संदीप गाडौली की.

एक समय था जब गुरुग्राम समेत पूरे दक्षिण हरियाणा में संदीप गाडौली की तूती बोलती थी. दिल्ली एनसीआर के तमाम बड़े गैंगस्टर भी संदीप का नाम सुनते ही पीछे हट जाते थे. महज चार पांच सालों में गैंगस्टर संदीप का नाम इतना बड़ा हो गया कि उसके नाम से गुरुग्राम ही नहीं, पूरे दिल्ली एनसीआर में हर महीने रंगदारी आने लगी. कहा तो यह भी जाता था कि उसने अंडरवर्ल्ड को भी चुनौती दे दी थी, इसलिए अंडरवर्ल्ड के इशारे पर गुरुग्राम पुलिस ने साल 2016 में संदीप को मुंबई में घेर कर मार डाला था.

हरियाणा पुलिस में सब इंस्पेक्टर थे पिता

आइए, संदीप गाडौली की कहानी शुरू से शुरू करते हैं. उसके पिता हरियाणा पुलिस में सब इंस्पेक्टर थे. उन्हें काफी तेज तर्रार माना जाता था. वह भले ही अपनी ड्यूटी बढ़िया से निभाते रहे, लेकिन घर परिवार पर उनका कंट्रोल नहीं रहा. परिणाम यह हुआ कि बेटा संदीप बचपन में ही मनबढ़ और बेलगाम हो गया. यह उस दौर की बात है जब गुरुग्राम में नई नई कंपनियां आ रही थी. पैसा हवा में तैर रहा था. उन्हीं दिनों किशोर उम्र संदीप को भी पैसे का चश्का लग गया और उसने छोटी मोटी उगाही शुरू कर दी थी. इसे संयोग ही कहेंगे कि उन्हीं दिनों किसी ने उसकी बहन को छेड़ दिया था.

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10 साल तक बजा अपराध का डंका

इसकी जानकारी हुई तो संदीप ने दिन दहाड़े उस युवक की हत्या कर दी. इस घटना के बाद पुलिस पीछे पड़ी तो संदीप ने भी घर छोड़ दिया और अपराध की दुनिया में पैर जमा लिया. साल 2005 से लेकर 2014 तक उसने गुरुग्राम पर एकछत्र राज किया. इस अवधि में उसके खिलाफ 36 मामले दर्ज हो गए. इसमें करीब आधा दर्जन मामले हत्या के और करीब इतने ही मामले हत्या के प्रयास के हैं. बाकी मामले रंगदारी और किडनैपिंग के हैं.

दिलचश्प है एनकाउंटर की कहानी

इन मामलों को देखते हुए उस समय पुलिस ने संदीप पर डेढ़ लाख रुपये का इनाम घोषित किया था. इसी क्रम में साल 2016 में गुरुग्राम पुलिस की क्राइम ब्रांच ने मुंबई में उसका एनकाउंटर किया था. संदीप के एनकाउंटर की कहानी भी काफी दिलचश्प है. बताया जा रहा है कि जब संदीप की कुख्याति अपने चरम पर थी, उन्हीं दिनों गुरुग्राम में ही बलदेव नगर की रहने वाली दिव्या पाहुजा मुंबई में अपने कैरियर को लेकर संघर्ष कर रही थी. हालांकि मॉडलिंग में उसे सफलता नहीं मिली और गुरुग्राम लौट आई. इन्हीं दिनों एक मनीष नामक युवक के माध्यम से वह संदीप के संपर्क में आई.

दिव्या पाहुजा बनी थी पुलिस का चारा

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संदीप की वजह से उसे कुछ काम भी मिला, लेकिन उसे अब मॉडलिंग रास नहीं आ रही थी और वह संदीप के साथ ही रहने लगी. हालांकि कुछ दिन के साथ के बाद दोनों में झगड़े होने लगे. कहा जाता है कि काफी प्रयास के बावजूद गुरुग्राम पुलिस संदीप गाडौली का कोई सुराग नहीं तलाश पा रही थी. इसी बीच उसके दिव्या से झगड़े की खबर मिली तो पुलिस ने संदीप को फंसाने के लिए दिव्या को चारा बनाया. फिर उसी के इनपुट पर गुरुग्राम पुलिस के क्राइम ब्रांच पालम विहार के दरोगा प्रद्युमन यादव और उनकी टीम ने मुंबई के एक होटल में मार गिराया.

अंडरवर्ल्ड के इशारे पर एनकाउंटर का आरोप

उस समय पुलिस ने दावा किया था कि संदीप को सरेंडर करने के लिए कहा गया था, लेकिन वह फायरिंग करने लगा. हालांकि मुंबई पुलिस की जांच में गुरुग्राम पुलिस का दावा झूठा निकला. सीसीटीवी फुटेज से पता चला कि जब संदीप का एनकाउंटर हुआ, उस समय वह निहत्था था. सब इंस्पेक्टर प्रद्युमन यादव ने तीन गोलियां दागने के बाद एक पिस्टल उसकी जेब में ठूंस दिया था. इस मामले में मुंबई पुलिस ने प्रद्युम्न यादव और उसकी टीम के विक्रम, दीपक, जितेंद्र व परमजीत के अलावा दिव्या पाहुजा को अरेस्ट भी किया. हालांकि बॉम्बे हाईकोर्ट से दिव्या पाहुजा, पुलिसकर्मी दीपक व जितेंद्र को सात महीने पहले जमानत मिल गई. वहीं प्रद्युम्न समेत अन्य पुलिसकर्मी अभी भी जेल में हैं. इस एनकाउंटर के बाद संदीप की बहन ने आरोप लगाया था कि प्रद्युम्न ने अंडरवर्ल्ड के इशारे पर संदीप को मारा है. मुंबई पुलिस की जांच में भी संबंधित तथ्य मिले थे. फिलहाल यह मामला मुंबई की अदालत में लंबित है.

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